I Do not write...

I Do not write... It just happened that i wrote these ;-)

Sunday, September 13, 2020

जिंदगी

 ख्वाबों से रुठी सी 
हाथों से छूटी सी
बहुत छोटी सी
लगने लगी है जिंदगी

समय का पहिया ये
खेले जब जीवन से
राहों में टूटी सी
लगने लगी है जिंदगी

एक दरिया है जीने को
फैलाएं बाहें
बाहों से फिसली
अब गिरने लगी है जिंदगी।

Saturday, August 15, 2020

Gazal

 हमने अपनी दास्ताँ लिखी,
जनाब लेखक समझ बैठे!

यूं ही नहीं निकलते जज्बात 

खामोशियों की आवाज को
आप गजल समझ बैठे!