I Do not write...

I Do not write... It just happened that i wrote these ;-)

Friday, May 11, 2012

jeene ke liye


यादों के 
झरोंखे  से
झांककर 
जो देखा मैंने ,
कोई नहीं था 
इन्तजार मेरा 
करने के लिये. 
घूम  फिर कर 
लौट आया  मैं ,
आज  में ,
इस पल को 
जीने के लिये !

गलती  की थी 
मैंने 
कुछ  सपने देखने की ,
अब लगा हुआ  हूं
 उन  सपनो को
 पूरा करने के लिये  .
बंधा हुआ  बन्धनों से 
जब करता हूँ 
उनमुक्त उड़ने की कोशिश,
पंख  फडफडाकर गिर जाते है 
जैसे बांध  दिया  हो
 किसी ने उन्हें  .
लगा हुआ  हूँ ,
आज  में 
उन्ही बन्धनों से छूटने की 
कोशिश  में 
जीने के लिये !